human blood मानव शरीर में रक्त की भुमिका
Blood शरीर का एक महत्वपूर्ण तरल पदार्थ होता है जो रक्तसंचार के माध्यम से शरीर के विभिन्न अंगों और ऊतकों तक पहुंचता है। यह शरीर को ऑक्सीजन और पोषण प्रदान करता है और अन्य महत्वपूर्ण तत्वों को भी पहुंचाता है जैसे कि हार्मोन, खनिज और दवाइयाँ।
खून का मुख्य घटक रक्त कोशिकाएं (एरिथ्रोसाइट्स) होती हैं, जो ऑक्सीजन को शरीर के विभिन्न भागों तक पहुंचाती हैं। इसके अलावा, खून में लेवर सेल्स (बाईट्रोसाइट्स) और लसीका (प्लाज्मा) भी होता है। लसीका शरीर के पोषक तत्वों, विशिष्ट प्रोटीनों, हार्मोन और दवाइयों का मुख्य स्रोत होता है।
खून के रंग का प्रमुख कारण उसमें मौजूद हेमोग्लोबिन का होना होता है, जो ऑक्सीजन को बांधता है और रक्त को लाल रंग देता है।
Blood केसे बनता है
मनुष्य के शरीर में रक्त के बनने के लिए बोन मैरो नामक संबंधित ऊतक से रक्त कोशिकाएं (एरिथ्रोसाइट्स) उत्पन्न होती हैं। यह रक्त कोशिकाएं उन विशिष्ट प्रोटीन और मिनरल्स के संयोजन से बनती हैं जो खून का रंग (हेमोग्लोबिन) देते हैं। इसके अलावा, अन्य रक्त संबंधी कोशिकाओं जैसे लेवर सेल्स (बाईट्रोसाइट्स), प्लाज्मा, और अन्य पोषक तत्वों के संयोजन से रक्त का निर्माण होता है।
Blood का काम क्या है
रक्त शरीर का एक महत्वपूर्ण तंत्र होता है जो अलग-अलग कामों के लिए जवाबदेह होता है। रक्त का मुख्य काम शरीर के ऊर्जा के साथ-साथ निम्नलिखित कामों को सम्पादित करना होता है:
ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड के परिवहन: रक्त शरीर में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड को परिवहन करता है। ऑक्सीजन शरीर में ऊर्जा उत्पादन के लिए जरूरी होता है जबकि कार्बन डाइऑक्साइड को शरीर से बाहर निकाला जाना चाहिए।
पोषण: रक्त में पोषण तत्व जैसे प्रोटीन, विटामिन, मिनरल आदि भी होते हैं, जो शरीर के विभिन्न अंगों को पोषण प्रदान करते हैं।
रोग प्रतिरोध: रक्त शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। रक्त में शरीर के रोग प्रतिरोधक प्रतिशत जैसे लेवर, एंटीबॉडी आदि भी होते हैं जो रोगों के खिलाफ लड़ते हैं।
गर्मी का संतुलन: blood शरीर का तापमान संतुलित रखने में मदद करता है।
हार्मोन और अन्य उपयोग: रक्त में
बॉडी में खून पंप होने का काम हृदय या दिल का होता है, जो कि शरीर के रक्त संचार का प्रमुख तंत्र होता है। हृदय दो भागों में बंटा होता है, दाहिना भाग और बाईं ओर भाग, जो अलग-अलग फंक्शन करते हैं।
दाहिना भाग: यह हृदय का आंतरिक भाग होता है जो शरीर के निचले भागों में खून को संचारित करता है। दाहिने भाग के अंत में, एक विस्तृत नस के माध्यम से, वह शुरुआत में रक्त लेने के लिए उपयुक्त समय पर खुलता है और फिर बंद हो जाता है। इस प्रक्रिया से, खून वापस हृदय में वापस जाता है।
बाईं ओर भाग: यह हृदय का बाहरी भाग होता है जो शरीर के ऊपरी भागों में खून को संचारित करता है। बाईं ओर भाग में, रक्त लेने के लिए एक छोटी नस होती है जो शुरुआत में खुलती है और फिर बंद हो जाती है।
Blood संबंधी बीमारियां विभिन्न प्रकार की हो सकती हैं, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:
अनीमिया: अनीमिया एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें शरीर में कम रक्त कोशिकाएं होती हैं, जिससे खून की कमी होती है। यह सामान्य रूप से अनुभव की जाने वाली सबसे आम बीमारी है।
थालसीमिया: थालसीमिया एक विरल रक्त संक्रमण होता है, जो शरीर में रक्त कोशिकाओं की उत्पत्ति के लिए ज़िम्मेदार होते हैं। यह एक गंभीर बीमारी है जो जीवन भर आपके साथ रहती है।
हीमोफीलिया: हीमोफीलिया एक रक्त संक्रमण होता है जिसमें शरीर की क्लोटिंग प्रक्रिया में कमी होती है। यह बीमारी अधिकतर पुरुषों में होती है।
लेवर सिरोसिस: लिवर सिरोसिस एक बीमारी है जो बहुत सारे उत्पादों का उत्पादन करने वाले लिवर के कार्यक्षमता को प्रभावित करती है। इस बीमारी में लिवर स्कारिंग हो जाता है जिससे रक्त के फ़्लो को रोक दिया जाता है जो रक्त दोष का कारण बनता है।
खून को स्वस्थ रखने के लिए निम्नलिखित टिप्स अपनाएं:
स्वस्थ खाद्य पदार्थ खाएं: स्वस्थ खाद्य पदार्थ खाना बहुत जरूरी है। खून को स्वस्थ रखने के लिए, प्रतिदिन विभिन्न प्रकार के फल, सब्जियां, अंडे, मछली और दूध जैसे आहार पदार्थ शामिल करें।
शराब और तंबाकू से दूर रहें: अत्यधिक शराब और तंबाकू का सेवन खून को बिगाड़ता है और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है। इसलिए इन चीजों से दूर रहें या कम से कम उपयोग करें।
व्यायाम करें: नियमित व्यायाम खून को स्वस्थ रखने में मदद करता है। योग, वॉकिंग, जिमिंग या अन्य व्यायाम का अभ्यास करना शुरू करें।
नियमित चेकअप कराएं
पानी पीते रहे
शक्कर का स्तर बहुत कम करे
मानव शरीर में blood प्रकार
एबीओ (A, B, AB और O) रक्त: इस प्रकार के रक्त में एटी (Antigen A) या बीटी (Antigen B) का मौजूद होना चाहिए, जिन्हें एबीओ ग्रुप में शामिल किया जाता है। इसके अलावा, एबीओ रक्त में रक्तस्त्राव के समय कैरियरों (या डोनरों) के लिए रक्तदाता के पास एटी और बीटी के विरोधी अणु (एंटीबॉडी) होते हैं।
रेसस (Rh) रक्त: इस प्रकार के रक्त में एक विशिष्ट प्रकार के एटी (Rh factor) मौजूद होता है। इसे पहले रेसस नामक एटी के अभाव में रक्त रेसस नकारात्मक (Rh-) और रक्त रेसस सकारात्मक (Rh+) होते हैं। जब किसी व्यक्ति के रक्त में Rh- होता है और उसे Rh+ रक्त की जरूरत
Blood flow ko boost
व्यायाम करे:
सवस्थ खान पीन करे
शराब का सेवन ना करे
धुम्रपान ना करे
पानी पीते रहे
तनाव ना करे
नियमित डॉक्टर से परामर्श लें
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